Skip to main content

GST रिटर्न देर से दाखिल करने पर जुर्माना: जानें पूरी जानकारीलेखक: सुधाकर कुमार, एडवोकेट, पटना हाई कोर्ट #IndianLawGuru

GST रिटर्न फाइल करने में देरी: क्या है समस्या?

वस्तु एवं सेवा कर (#GST) के तहत हर पंजीकृत करदाता को समय पर GST रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है। यदि रिटर्न समय पर दाखिल नहीं किया गया, तो सरकार द्वारा जुर्माने और ब्याज का प्रावधान किया गया है। यह लेख उन सभी करदाताओं के लिए है जो GST रिटर्न देर से दाखिल करने के दंड और उससे बचने के उपाय जानना चाहते हैं।

GST रिटर्न लेट फाइल करने पर क्या होता है?

GST कानून के अनुसार, देरी से रिटर्न दाखिल करने पर दो प्रकार के चार्ज लगते हैं:

1. लेट फीस (#LateFees)
2. ब्याज (#Interest)

1. लेट फीस का प्रावधान

लेट फीस वह राशि है जो आपको रिटर्न फाइल करने में देरी के लिए सरकार को चुकानी पड़ती है। यह जुर्माना CGST और SGST दोनों के लिए लागू होता है।

सामान्य रिटर्न (GSTR-1, GSTR-3B):
₹50 प्रति दिन (₹25 CGST और ₹25 SGST)।

शून्य रिटर्न (Nil Return):
₹20 प्रति दिन (₹10 CGST और ₹10 SGST)।


उदाहरण:

यदि आपने जुलाई 2024 का GSTR-3B रिटर्न 10 दिन देरी से फाइल किया, तो लेट फीस होगी:
₹50 × 10 दिन = ₹500।


2. ब्याज का प्रावधान

यदि आपकी देय GST राशि समय पर जमा नहीं हुई है, तो आपको ब्याज देना होगा।

ब्याज दर: 18% प्रति वर्ष।

ब्याज की गणना: कुल GST देय राशि × (18%/365) × देरी के दिन।


उदाहरण:

अगर आपकी देय राशि ₹10,000 है और आप 30 दिन देरी से फाइल करते हैं:
ब्याज = ₹10,000 × (18/100) × (30/365) = ₹147।


GST रिटर्न समय पर फाइल न करने के दुष्प्रभाव

1. ई-वे बिल जनरेट करने में रोक:

रिटर्न देर से फाइल करने पर ई-वे बिल जनरेट नहीं हो सकता।

2. ITC का नुकसान:

आपका इनपुट टैक्स क्रेडिट (#ITC) फ्रीज हो सकता है।

3. पंजीकरण रद्द होने का खतरा:

बार-बार देरी करने पर आपका GST पंजीकरण रद्द हो सकता है।

GST रिटर्न लेट फीस से बचने के उपाय

1. समय पर रिटर्न दाखिल करें।

GST पोर्टल पर कैलेंडर का उपयोग करें।

2. अलर्ट सिस्टम अपनाएं।

अपने फोन या ईमेल पर रिमाइंडर सेट करें।

3. GST प्रॉफेशनल की मदद लें।

अपने GST कार्य को सुगम बनाने के लिए #IndianLawGuru जैसे विशेषज्ञों से संपर्क करें।


निष्कर्ष

GST रिटर्न देर से फाइल करने से बचना न केवल आपकी कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह आपके व्यवसाय को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

यदि आपके पास GST से संबंधित कोई प्रश्न हैं या पेशेवर सलाह चाहिए, तो सुधाकर कुमार, एडवोकेट, पटना हाई कोर्ट से संपर्क करें और Indian Law Guru की सेवाओं का लाभ उठाएं।

#GSTReturn #LateFees #AdvocateSudhakarKumar #PatnaHighCourt #IndianLawGuru #LegalKnowledge


Comments

Popular posts from this blog

Simplifying GST Registration: A Guide by Advocate Sudhakar Kumar, Legal Advisor, V.S. Chandra & Associates

Goods and Services Tax (GST) is a landmark reform in India’s taxation system, replacing multiple indirect taxes with a unified system. For businesses, GST registration is more than just a legal formality—it opens the doors to efficient tax management and compliance with the law. As a legal advisor and advocate at V.S. Chandra & Associates , a firm with over four decades of expertise, I aim to guide you through the essentials of GST registration. Understanding GST Registration GST registration is the process by which a business is recognized under the GST regime. Once registered, the business is assigned a unique GST Identification Number (GSTIN), a 15-digit code used for tax filing, collection, and input tax credit. Who Must Register for GST? Mandatory Registration Turnover Thresholds: Businesses with annual turnover exceeding ₹40 lakh for goods (₹20 lakh for special category states). Service providers with annual turnover exceeding ₹20 lakh (₹10 lakh for sp...

बजट 2025 - एक्सपर्ट एनालिसिस: 12.75 लाख तक की कमाई टैक्स-फ्री, लेकिन शर्तें लागू By Sudhakar Kumar, Advocate Patna High Court & Financial Analyst

 परिचय भारत सरकार ने बजट 2025 पेश करते हुए आम जनता और टैक्सपेयर्स के लिए कुछ बड़े ऐलान किए हैं। सबसे बड़ा आकर्षण 12.75 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री करने का फैसला है, लेकिन इसमें कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी लागू की गई हैं। इस ब्लॉग में हम बजट 2025 का विश्लेषण करेंगे और जानेंगे कि यह आम आदमी, व्यापारियों, और निवेशकों के लिए कितना फायदेमंद है। मुख्य आकर्षण: 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री सरकार ने बजट 2025 में आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 12.75 लाख रुपये तक कर दिया है, लेकिन इसमें कुछ विशेष शर्तें लागू हैं: बजट 2025 में सरकार ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए नई कर व्यवस्था (न्यू टैक्स रिजीम) के तहत वार्षिक आयकर स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब 12.75 लाख रुपये तक की वार्षिक आय टैक्स-फ्री होगी, लेकिन यह कुछ शर्तों के साथ लागू है। नई आयकर स्लैब: 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री कैसे? यदि आपकी वार्षिक आय 12.75 लाख रुपये है, तो नई कर स्लैब के अनुसार कर की गणना इस प्रकार होगी: 4 लाख रुपये तक की आय पर: कोई कर नहीं। अगले 4 लाख रुपये (4,00,001 - 8,00,000) पर 5% की दर से: 20,000 रुप...

ऑफर: WA Sender Software सिर्फ ₹79 में!

आपका व्यवसाय बढ़ाने और व्हाट्सएप मार्केटिंग को आसान बनाने के लिए WA Sender Software का उपयोग करें। सीमित समय के इस ऑफर का लाभ उठाएं और सिर्फ ₹79 में इसे खरीदें। खरीदने का लिंक: यहां क्लिक करें और अभी खरीदें --- WA Sender Software की सफलता की कहानी आज के डिजिटल युग में, व्हाट्सएप मार्केटिंग हर व्यवसाय के लिए एक अनिवार्य टूल बन गया है। छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े उद्यमों तक, सभी को एक ऐसा सॉल्यूशन चाहिए, जिससे वे अपने ग्राहकों तक तेजी से पहुंच सकें। यहीं पर WA Sender Software ने बड़ी भूमिका निभाई है। क्या है WA Sender Software? यह एक आसान और उपयोगी टूल है जो आपको एक ही क्लिक में सैकड़ों ग्राहकों को मैसेज भेजने की सुविधा देता है। इसका उपयोग: 1. प्रमोशन के लिए 2. ग्राहकों की जानकारी शेयर करने के लिए 3. प्रोडक्ट डिटेल्स भेजने के लिए 4. और भी बहुत कुछ --- सॉफ्टवेयर का उपयोग कैसे करें? (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड) 1. सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें: खरीदने के बाद आपको सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने का लिंक प्राप्त होगा। 2. इंस्टॉलेशन: सॉफ्टवेयर को अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर इंस्टॉल करें। 3. WhatsApp W...